Shikha Pari

Drama

2.4  

Shikha Pari

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भाभी की पढ़ाई

भाभी की पढ़ाई

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आज सुबह की चाय और न्यूज़पेपर टेबल पर नहीं रखा था वरुण ने सोचा शायद भाभी आज कहीं गई है उसने बिना कुछ सोचे किचन में जाकर वह चाय बनाने लगा थोड़ी देर में देखा उसने कि उसके भैया और उसकी भाभी दोनों कहीं से सुबह-सुबह चले आ रहे हैं अरे भैया आप लोग इतने सुबह-सुबह कहां गए थे वरुण ने बड़े आश्चर्य से पूछा उसके भैया ने हंसते हुए जवाब दिया एक खुशखबरी है वरुण तू चाचा बनने वाला है वरुण को यह बात सुनकर बहुत खुशी हुई।

 वरुण ने जल्दी से मां को आवाज दी फिर वो नीचे चला गया।

 क्या बात है वरुण नीचे आकर माँ ने पूछा।

माँ तुम्हें नहीं लगता कि भाभी बहुत जल्दी गर्भवती हो गई।

" पागल है क्या ? ब्याह कर आई है मां नहीं बनेगी और फिर तू खुश नहीं है तेरा भाई बाप बनने वाला है।

"मां मैं खुश हूं बहुत खुश हूं लेकिन मैं एक बात से बिल्कुल खुश नहीं हूं"।

"किस बात से तू खुश नहीं है ?"माँ ने गुस्से में पूछा

" भाभी की उम्र जानती है सिर्फ 18 साल, मां बाप के दबाव में आकर यह ब्याह कर लिया था भाभी ने खुद बताया मुझे"।

" अभी तो भौजी के खेलने कूदने के दिन है उनकी पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई थी तो तुम को ब्याह कर ले आई।

"कहना क्या चाहता है ?उसके मां बाप ने अपनी मर्जी से शादी करी मैं जबरदस्ती थोड़ी ना लाई उसको उठाकर फिर वह भी तो शादी करके आई ब्याह करके आई मैं ,उसने भी तो पसंद किया हमारे दीपक को तभी ब्याह कर आयी इस घर में "।

दीपक भैया को तो भौजी के सपने का ख्याल रखना चाहिए तो मां बनने से सारे सपने चकनाचूर हो जाएंगे एक उम्र के बाद अगर यह फैसला होता तो शायद भौजी भी कुछ समय के लिए अपने बारे में सोच लेती 17 साल में शादी और 18 साल में माँ"।

" तुझे बड़ी फिक्र हो रही, 4 किताबें क्या पढ़ ली शहर जाके होशियार बन रहा , तुझे बड़ी चिंता है उसे खुद को चिंता नहीं अपनी ,ब्याह कर आयी है इस घर में , बहू है इस घर की ,उस का फर्ज़ है घर का वंश चलाना, उसका तो काम ही है तुझे क्या करना तेरी बहू आएगी तो उसे भी वंश चलाना पड़ेगा।

"माँ वंश चलाना एक औरत का काम है लेकिन उससे पहले उसके सपनों को पूरा होने देता भी तो हमारा फर्ज है इस समाज का भी तो फर्ज़ है एक औरत को अपने सपनें पूरे करने देना ,भौजी पढ़ाई कर रही थी इंटर की ,परीक्षा देने से पहले ही छुड़वा कर ब्याह करा दिया गया उनका ,उनको पढ़ लेने दो न माँ"।

"फिर मां बनने के बाद सारा समय भौजी का बच्चों को देखने में ही चला जाएगा मां मान जाओ ना इस बार भौजी को इंटर के पेपर दे लेने दो अजीब पागल है तू जब चिंता नहीं करें तुझे किस बात की चिंता ?"

अचानक एक आवाज़ आयी धीमी सी, बाहर बहु खड़ी थी और धीरे से परदे की ओट से बोली "मां वरुण भैया सच कह रहे हैं परीक्षा देना चाहते साल इंटर की पढ़ाई पूरी कर लेने दो अम्मा , एक बार बच्चा हो गया तो हम जीवन भर उसे संभालने में निकाल देंगे सही बता रहे हैं अपने सपनों को पूरा करने दो ना।"

ऐंठे हुए मुंह से माँ ने कहा "ठीक है जा पूरा कर ले पढ़ाई"।

आज एक दबी आवाज़ में एक औरत ने अपने लिए अपना जीवन माँगा था।


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