STORYMIRROR

Shakti Srivastava

Tragedy

4  

Shakti Srivastava

Tragedy

बेरोजगार

बेरोजगार

1 min
10

आज सुबह मेरी नींद खुल गयी किसी के जोर जोर से रोने कि आवाज सुन कर। फिर समझ आया ये आवाज तो मेरे पडोसी के यहां से आ रही थी। उत्सुकता के कारण मै उनके घर ये जानने पंहुचा कि क्या हो गया है। तो देखा एक लड़के कि मृत देह पंखे से लटक रही थी और उसके परिवार वाले उसे पकड़ के रो रहे थे। कुछ दूर पे उसके पिता खड़े थे जिन्हे अब जीने कि कोई इच्छा बची नहीं और माँ ये मानने को तैयार नहीं थी को उसका बेटा अब नहीं है।

बाहर और भी कुछ लोग थे जो आपस मे बात कर रहे थे कि एक ही तो बेटा था, वो भी चला गया। तो कुछ बोल रहे थे कि प्यार व्यार का चक्कर था क्या। किसी ने बोला शायद कही झगड़ा कर आया होगा तो किसी ने बोला शायद कर्जा ज्यादा ले लिया होगा। हर कोई अपने अपने समझ से अंदाजा लगाने का प्रयास कर रहा था।

बस कोई ये अंदाजा ना लगाया पाया कि वो लड़का कुछ सालों से था "एक बेरोजगार"!


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy