बेगुनाह
बेगुनाह
सड़क पर गश्त लगा रहे पुलिस वालों से उसने गिड़गिड़ा कर विनती की।
'दरोगा जी ! मैं आपके हाथ जोड़ती हूं पैर पड़ती हूं मैं बिल्कुल बेगुनाह हूं आप मुझे जेल के अंदर बंद दो।'
'क्यों तुम जेल क्यों जाना चाहती हो ?'
'अपनी सुरक्षा की खातिर दरोगा जी ! अभी कुछ दंगायी आएंगे और मुझ बेगुनाह जिंदा जला जाएंगे मैं केवल "बस" ही नहीं राष्ट्र की संपत्ति भी हूं।'