कोरोना,कमबख्त चली क्यों नही जाती इस दुनिया से... कोरोना,कमबख्त चली क्यों नही जाती इस दुनिया से...
काँधें पर सिर को टिका दिया और किसी नन्हें शिशु की भाँति बिलखकर रोने लगे। काँधें पर सिर को टिका दिया और किसी नन्हें शिशु की भाँति बिलखकर रोने लगे।
जैसे ही उसने रोटी का पहला टुकडा तोड़ा,उसे लगा कि थाली में रोटी नहीं ,उसने अपना बच्चा परो जैसे ही उसने रोटी का पहला टुकडा तोड़ा,उसे लगा कि थाली में रोटी नहीं ,उसने अपना बच...
लेखक : इवान बूनिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : इवान बूनिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
ऐसा होता है पापा औलाद कि खातिर कुछ भी कर सकता है। ऐसा होता है पापा औलाद कि खातिर कुछ भी कर सकता है।
"खुशियो" को बड़े ही खूबसूरत "अंदाज़" से "गम" में "बदलते" हुवे "देखा" है हमने..!!"रिश्तो" में विश्वा... "खुशियो" को बड़े ही खूबसूरत "अंदाज़" से "गम" में "बदलते" हुवे "देखा" है हमने..!...