लेखक : इवान बूनिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : इवान बूनिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
हमारी बहन , बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ करने की हिम्मत कैसे कर रहें हैं। हमारी बहन , बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ करने की हिम्मत कैसे कर रहें हैं।
कहीं किसी की मदद से कुछ मिल गया तो खा लेते थे कहीं किसी की मदद से कुछ मिल गया तो खा लेते थे