बेचारा गुरु
बेचारा गुरु
गुरू के भूलने वाली आदत के कारण उसकी शादी नहीं हो रही थी। उसके घरवाले तो घरवाले दोस्त और पड़ोसी भी गुरु की भूलने की आदत से परेशान थे। इसके बावजूद एक लड़की ने गुरु को शादी के लिए खुद सामने से आकर शादी का प्रस्ताव रखा।
गुरु की खुशी और उत्साह का ठिकाना नहीं था। वह इतराता हुआ हर जगह अपनी होने वाली पत्नी के साथ घूम रहा था।
घूमते हुए एक शाम गुरु समन्दर के किनारे मस्ती कर रहे अपने दोस्तों को देख अपनी खुशी छुपा नहीं पाया और दोस्तों को जलाने के लिए उनके सामने से मंगेतर का हाथ पकड़ कर गुजरा सीना तान कर। उसके दोस्त जो यह मानकर चलते थे कि, इस भुलक्कड़ की कभी शादी नहीं हो सकती उनका मुंह बन्द कराने का यही सही मौका लगा गुरु को।
गुरु के दोस्त उसके साथ लड़की को देखकर भौंचक्के रह गए। दोस्तों ने गुरु को आवाज़ लगाई।
पहला दोस्त : अरे वाह भाई गुरु मान गए तुमको। क्या भाभी चुना है तुमने हमारे लिए।
गुरु के सभी नमस्ते करते हैं एक साथ। नमस्ते भाभी जी।
गुरु (अपने दोस्तों ) : इनसे मिलो ये हैं मेरी मंगेतर गीता चुटकुले।
गीता ने गुरु की तरफ देखा और बोली चुटकुले नहीं गुरु टिचकुले।
गुरु : हां वही।
गुरु ( दोस्तों से ) : गीता नेशनल लेवल की धाविका हैं । तुमलोगों ने नाम तो सुना होगा गीता गुलगुले का।
गीता ने फिर से गुरु को आश्चर्य से देखा और बोली। गुलगुले नहीं टिचकुले गुरु।
गुरु : हां वही।
गुरु ( दोस्तों से ) : मुझे तो यक़ीन नहीं हो रहा है कि, गीता गोड़बोले जैसी प्रसिद्घ धाविका से मेरी शादी होने वाली है।
गीता ने इस बार गुस्से से गुरु की तरफ देखा और बोली" महा भूलक्कड़ इंसान। गोड़बोले नहीं टिचकुले।
गुरु के दोस्त ठहाके लगा रहे थे और जबतक गुरु माफ़ी माँगता गीता वहां से वह गायब हो चुकी थी।
कुछ सालों बाद गुरु की शादी फिर तय हुई लड़की का नाम था सोनी जरीवाला।
लेकिन, शादी फिर नहीं हो पाई गुरु की। क्योंकि, वो जरीवाला को कभी टायरवाला तो कभी झुनझुनवाला कहने में उलझ गया था।
बेचारा गुरु।
