अतीत की बातें
अतीत की बातें
वह बड़ी श्रद्धा से पुजारी जी के हाथों से प्रसाद ग्रहण करता। पुजारी जी की आँखों में उसे आध्यात्मिकता और अलौकिकता नजर आती।
आज मन्दिर जाते हुए उसे उसके साथी से मालूम हुआ कि अतीत में पुजारी जी ने कई बुरे काम किए है । वह शराबी, जुआरी, चोर रह चुके हैं पर अब पिछले दस सालों से सब कुछ त्याग कर प्रभु सेवा में लीन है।
मन्दिर पहुँचकर पुजारी जी के हाथों प्रसाद लेते हुए उसे घृणा हुई। उनकी आँखों में उसे दुष्टता नजर आने लगी।
पुजारी जी के कल से उसे इतनी घृणा हुई कि वह फिर कभी उस मन्दिर में नहीं गया।