अलबेली
अलबेली
"अरे शशी जी,आपके फ़ार्म में जो काम करती है न,--अरे वही अलबेली--सुना कल उसके आदमी ने उसे बहुत मारा।" "आज तो दोनो पति पत्नी नहीं आए काम पर।"
"चौकीदार ने बताया तो था। मैने नोटिस नहीं किया। आपको किसने बताया।" शशी जी पूछा?
शशी जी शहर की जानी मानी समाजिक नेत्री थी। "मेरी मेड जो है न। अलबेली के पड़ोस में रहती है उसने बताया"
"चार बजे ऑफिस बंद कर सभी अलबेली के यहाँ चले।" सभी महिला पदाधिकारियों ने सहमति जताई। अलबेली ने अपनी झोपड़ी में मालकिन को देख प्रसन्नता जताकर कहा-
"आओ न मेडम, आज सब मेरे घर कैसे आये।"
"अलबेली, तेरे मरद ने कल तेरे को पीटा। तेरे आँख के नीचे चोट भी लगी लगता। चल हमारे साथ , तेरे मरद की रिपोर्ट लिखाते है थाने में" शशी जी ने कहा।
"काय को मेडम ग़लती तो मेरी थी। उसने मेरे को मारा। मैं भी कम नई मैने भी ठोका उसको। आज मेरे को सनीमा ले गया मेटिनी शो। इसी वास्ते हम दोनो काम पर नई आये आज।" अलबेली ने शर्मा कर बताया। फिर थोड़ा रुकी और बोली-
"मेडम जी घर मे सब भाई, बहिने होते लड़ते, झगड़ते, एक दूसरे को नोचते, खसोटते, मारते तो क्या कोरट कचहरी जाते" कहते हुए फिस्स से हँस दी वो।