Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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snaya k

Tragedy

3.3  

snaya k

Tragedy

अकेले

अकेले

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सनाया अकेले कभी नहीं रही उसका हर काम बोलने से पहले हो जाता था, उसके भाई उसकी हर इच्छा पूरी करते थे ।लेकिन शादी के बाद उसे दूसरो का मुंह देखना पड़ा क्योंकि सुनील कमज़ोर था जिसकी वज़ह से बाकी लोग फ़ायदा उठाते रहे ।

आज सनाया सबकी परवाह किए बिना खुद खड़ी है अपने कामों के लिए ,क्योंकि कोई साथ नहीं देता ।हां उम्मीद आज भी करती हैं जब पास मै किसी को खड़ा देखती है तो सोचती है कि शायद यह मेरा काम कर देगा

लेकिन आज तो उसकी अपनी मां भी यही कहती हैं कि भाईयो को परेशान नहीं कर ।वो नहीं आएंगे तेरे पास उनकी फ़िक्र है उन्हें हरदम मगर सनाया की नहीं जिसके पास पति तो है मगर बच्चे जैसा ,जिसे संभालना पड़ता हैं और बेटी दूर है तो रब के सहारे जी रही हैं सनाया अकेले । हाँ जिसको वो रखे उसको कोन चखे ।



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