दिल का हाल
दिल का हाल
आज दिल का हाल लिखूं तो क्या लिखूं बहुत कुछ देखा है दुनिया में इसने अपनी जिंदगी को उन अपनों की वजह से परेशान होते।
वो जो कभी अपने हुए ही नहीं बस मैंने है उन्हें अपना मान कर अपना तन मन सब न्योछावर कर दिया जिन पर। आज कोई साथ नहीं क्योंकि उनकी बात नहीं मानी उनकी गुलामी नहीं कुबूल की तो साथ छोड़ दिया।
लेकिन मुझे बहुत याद आते हैं सब। मुझे खूबसूरत बना के रब ने मुझे गुनाह कर दिया क्योंकि साथी सीधा सादा दे दिया। अब तारीफ़ कौन करे। जिसकी इच्छा हम औरतों को सबसे ज्यादा रहती हैं। किसी ने प्यार भरा तोहफ़ा नहीं दिया। कभी किसी त्यौहार पर स्पेशल महसूस नहीं करवाया। तो क्या मैं ऐसे ही दुनिया से चली जाऊंगी ।
शुक्र उस रब का हर पल मैं करती हूं बेटी दे के उसने मुझे एक दोस्त जैसे माँ बना दिया। मेरी हर इच्छा को पूरा करने का सामान जुटा दिया।
लेकिन उसकी खुद की इच्छा का ख्याल अब रब खुद रखे क्योंकि उसे हम जैसे माँ बाप से जो मिला दिया। गॉड ब्लेस हर हमेशा।