इंसाफ़
इंसाफ़

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भगवान् के घर देर है अंधेर नहीं है वाली बात आज सच हो गई जब निर्भया के मुजरिमों को फांसी हो गई ।इंसाफ़ देर से ही सही लेकिन हुआ तो ।काफी दिन तक मुजरिमों को सुरक्षित रखते रहे मुजरिमों की प्रवृत्ति वाले लोग । आज सबकी मां ने खुशियां मनाई होंगी जब ऐसे बेटों को फांसी लगती हैं तब हर मां अपनी बेटी को मेहफूज समझती हैं।