Naveen Ekaki

Tragedy

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Naveen Ekaki

Tragedy

अजनबी प्यार

अजनबी प्यार

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चारु अपनी घर की खिड़की पर बैठी बाहर हो रही बारिश को देख रही थी लेकिन उसके चेहरे की वो उदासी और आंखों में लरजते आंसू ये साफ साफ कह रहे थे कि वो किसी दर्द को अपने दिल मे दबाने की नाकाम कोशिश कर रही है, उसे वो अजनबी याद आ रहा था...हां! था तो वो अजनबी, लेकिन...... वो उसके दिल में कब घर कर गया पता ही चला....वो अचानक कहीं से आया और अचानक ही चला गया...पीछे छोड़ गया तो बस वो यादें, दर्द, आंसू, बेबसी, आहें.....चारु को अभी भी ऐसा लगता है कि वो जैसे कल की ही बात हो....

शाम के लगभग 8:30 बज रहे थे, वो शॉप बन्द करने ही वाली थी ..."फ्रेश फ्रेगरेंस"...हां यही नाम था चारु की फ्लॉवर शॉप का।

एक रेड कलर की लंबी मर्सिडीज कार उसकी शॉप के ठीक सामने रुकी, कार की आवाज़ सुन उसने नज़र उठाई तो उस शानदार कार से एक बहुत ही हैंडसम और खूबसूरत लड़का उतरता दिखा उसके साथ दो लम्बे चौड़े बॉडीगार्ड जैसे लोग भी।

लम्बा कद, गोरा रंग, हल्की दाढ़ी, घुंघराले बाल,आंखों में चढ़ा गोल्डेन फ्रेम का ब्लैक ग्लास का गॉगल और उसकी कसरती बदन में जँचता हुआ नीले रंग का कोट...बिल्कुल उसके सपनो के राजकुमार जैसा...चारु उसे देखती ही रह गयी।

वो अजनबी कब उसके काउंटर पर आ खड़ा हुआ उसे मालूम ही न पड़ा। न जाने किन ख्यालों में खोई थी वो।

एक्सक्यूज मी, वन बुके प्लीज...इस आवाज़ ने उसकी तन्द्रा को भंग किया। वो जैसे एक झटके में कल्पना की दुनिया से निकल कर हक़ीकत की पथरीली जमीन पे आ गिरी।

ओह सॉरी...चारू ने झेंपते हुए जवाब दिया।

मुझे एक खूबसूरत सा बुके चाहिए था, बिल्कुल ताजे फूलों का...मिल जाएगा ? उसके सपनो के राजकुमार ने गॉगल उतरते हुए उससे पूछा।

यस सर...छोटा सा ज़वाब ही दे पाई वो,

जैसे ही उसकी आँखों पे नज़र गयी तो मानो जड़ सी गयी थी वो....उसकी वो समुंदर से गहरी नीली मुस्कुराती आंखें...वो चाहती थी कि वक़्त यहीं थम से जाए और वो उन आंखों के समुन्दर में डूब जाए हमेशा हमेशा के लिए...

हेलो! कँहा खो गयीं आप...उसने उसकी आँखों के सामने हाथ हिलाते हुए बोला

जी...जी...वो ....सॉरी ...लगभग हकलाते हुए उसने जवाब दिया।

शर्म और झेंप की वजह से खुद को संभालते हुए वो तुरन्त पीछे रखे ताजे फूलों से सजे एक सबसे खूबसूरत बुके को उठाकर उसे दे दिया।

wow... its so beautiful...thank you so much...आज मेरे एक दोस्त का birthday है, और वो आज ही अमेरिका जा रहा है, अभी कुछ देर में उसकी फ्लाइट है, उसे सीधे एयरपोर्ट पर ही पहुंच कर सरप्राइज wish देना चाहता हूँ, उसके लिए इससे खूबसूरत गिफ़्ट कुछ हो ही नही सकता, ऐसा लग रहा है कि ये फ़ूल अभी बोल पड़ेंगे....thank you so much mam...उस अजनबी ने बड़े प्यार से उन फूलों को निहारते हुए उससे बोला।

पर चारु ने तो कुछ सुना ही नही था, वो तो बस उसे ही निहारे जा रही थी...अपलक

how much mam? उसने बुके की क़ीमत पूंछते हुए चारु की तरफ देखा।

जी 450 only... अचकचा कर चारु ने जवाब दिया।

उसने तुरंत उसे 500 का नोट पर्स से निकाल के काउंटर पे रखते हुए बोला,

plz keep the change...ये आपके इस बुके की खूबसूरती के लिए मेरी तरफ से ...plz न मत करियेगा।

चारु कुछ कहना तो चाहती थी पर हलक जैसे सूख सा गया था और वो उसे काउंटर से दूर जाते हुए देखती रह गयी। कार के दरवाजे के बन्द होने की आवाज़ उसे वापस अपनी दुनिया में ले आयी। चरु उसे जाते हुए देखती रह गयी जब तक उसकी कार आंखों से ओझल नहीं हो गयी।

उस रात नींद ने जैसे उससे नाता तोड़ लिया था, सारी रात वो उसके ख्यालों में जगती रही, कभी बिस्तर पे करवटें बदलती तो कभी सारे कमरे में चहलकदमी करती। उस अजनबी का चेहरा चारु की आंखों से उतर के कब दिल मे घर कर गया पता ही नहीं चला। रह रह कर उसे अपने उस सपनों के राजकुमार की वो नीली आंखें, वो उसकी प्यारी बातें...वो सब कुछ बिल्कुल फिल्मों की तरह नज़र के सामने तैरते हुए लग रहा था। चारु को अपने और उस अजनबी के बीच का फासला पता था ,वो खुद को समझाने की भरपूर कोशिश कर रही थी पर उसका चेहरा चारु की आँखों से उतर ही नहीं रह था। शायद इसे ही पहली नज़र का प्यार कहते हैं जो वो कर बैठी थी उस अजनबी से जिसका वो नाम तक नहीं जानती है। उसके बारे में सोचते सोचते सुबह ने दस्तक दे दी। पर अभी भी वो अजनबी चारु के साथ ही था।

चारु ने कमरे से निकल कर अपने लिए कॉफी बनाई और चुस्कियां लेते हुए रोज की तरह बरामदे में बैठ अखबार के पन्ने पलटने लगी कि अचानक एक फोटो पर उसकी नज़र पड़ी...

"अरे ये तो वही था...उसके सपनों का राजकुमार.....

वो अजनबी जो उसके दिल में बस गया था।".... पर जैसे ही उसकी निगाह उस खबर की हेडिंग पर पड़ी कॉफी का प्याला उसके हाथों से छूट कर जमीन पर गिर कर टूट कर बिखर गया। वो धम्म से कुर्सी से नीचे गिर पड़ी, अखबार उसके हाथों से छूट गया, वो चीख़ चीख़ रोने लगी...वो ख़बर ही कुछ ऐसी थी..............

चारु के सपनो का राजकुमार अब नहीं रहा। वो इस दुनिया को अलविदा कह किसी दूसरी दुनिया चला गया, फिर कभी न आने के लिए...कल शाम एयरपोर्ट जाते वक्त उसकी कार एक ट्रक से टकराने के बाद ब्रिज से नीचे आ गिरी और वो सबको छोड़ कर चला गया हमेशा हमेशा के लिए।

वो शहर के जाने मानें उद्योगपति मि. ओबेरॉय का एकलौता बेटा था "शिवाय",

चारु अपने होश गंवा बैठी थी, उसकी उस अजनबी से मोहब्बत की कहानी शुरू होते ही ख़त्म हो चुकी थी।

पर उस अजनबी ....नहीं नहीं अब उसका भी एक नाम था,

"शिवाय" के लिए हुई वो पहली नज़र की मोहब्बत हमेशा ज़िंदा रहेगी चारु के उस छोटे से दिल मे धड़कन बन कर , उन फूलों में ख़ुशबू बन कर हमेशा हमेशा....

बारिश तेज हो चली थी और चारु के आंसुओं ने भी अपनी दहलीज पार कर दी.....



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