आखिर में विवाह हो ही गया..
आखिर में विवाह हो ही गया..
कहते है कि विवाह आत्माओं का, परिवारों का, दो दिलो का मिलन होता है। हर लड़की जब से उसे पता चलता है कि आज नहीं तो कल उसका विवाह होगा वह हमेशा से ही उस तस्वीर की तलाश में रहती है जो उसे मिल जाएगी और वो अपनी पूरी जिंदगी उसके हवाले कर देगी, परंतु सही जीवन साथी उतना ही जरूरी है वरना पूरी जिंदगी बर्बाद हो सकती है। इस बात का ध्यान परिवार वालों ने देना चाहिए और पूरी समझदारी से हर फैसले लेने चाहिए तब ही जाकर दोनो अपनी विवाहित जीवन आनंद से व्यतीत कर सकते हैं।
रजत और सायली दोनो ही सातारा में रहते थे। सायली अपने माता - पिता के साथ रहते थी, वह वकील की पढ़ाई कर रही थी। उसकी बड़ी बहन की शादी हो चूकी थी और भाई कंपनी मे काम कर रहा था। सब कुछ कुशल मंगल चल रहा था, सब अपना अपना काम करते रहते थे।
सायली अठरा बरस की हो चूकी थी उसके पिता जी को विवाह को लेकर काफी जल्द बाजी थी। वह चाहते थे कि उसके हाथ जल्दी से पीले हो। उन्होने उसके लिए लड़के देखने शुरू कर दिए और उसे इसके बारे में बताया गया, जैसे ही उसे पता चला उसने उसके प्रेम के बारे में अपने परिवार वालों को बताया। उसके परिवार वाले भी क्या करते उन्होने उसके परिवार वालों से मिलने का निश्चित किया ताकि आगे का तय कर सके। लड़के का परिवार लड़की को देखने के लिए उसके घर गए। उन्होने देखा उनसे बातचीत की और विवाह तय कर दिया। तिथि के अनुसार पता चला कि अगर सायली का विवाह अभी नहीं हुआ तो अगले चार सालों में नहीं होगा। बाकी सारी बातों को ध्यान में रखकर विवाह 19 मार्च को तय हो गया।
उसके माता - पिता को सायली के विवाह को लेकर ज़रा चिंता थी। विवाह का दिन आ ही गया सबने विवाह की ज़ोरदार तैयारी की थी, परंतु विवाह के दिन ही तकलीफों की बारिश ही शुरू हो गई। विवाह के हॉल मे ही दूल्हे के दादा जी को हार्ट अटैक आ गया। जैसे तैसे उन्हें हस्पताल लेकर गए और इधर इन दोनो को विवाह की पूरी विधि करने के लिए कहा, इनके साथ कुछ परिवार वाले थे। दोनो का विवाह आखिर कार हो ही गया और तुरंत ये दोनो भी अस्पताल चले गए देखने के लिए।
वहां जाकर पता चला कि अब चिंता की कोई बात नहीं है सब कुशल मंगल है जल्दी ही उन्हें अस्पताल से छोड़ दिया गया।
बाद मे विधि के हिसाब से दोनो ही वर - वधू का जीवन सही मायने में शुरू हुआ। जब पड़े परेशानी में थे आखिर दादा जी को अगर कुछ हो गया तो यह शादी तोड़ देंगे ऐसा बुजुर्ग लोगों का कहना था, परंतु इन दोनो का विवाह अंत में हो ही गया और दोनो खुशी खुशी अपनी विवाहित जीवन बिताने लगे....