STORYMIRROR

Sushma Agrawal

Tragedy

4  

Sushma Agrawal

Tragedy

आईना

आईना

2 mins
316

शहर में एक नया "हाइटैक" वृद्धाश्रम खुल रहा था। जिसके चारों ओर नैसर्गिक सौंदर्य बिखरा पड़ा था। आस-पास सुरम्य वादियाँ, प्राकृतिक झीलें, कल-कल करते झरने, कलरव करते पक्षी, ऊँचे-ऊँचे देवदार के पेड़ और हरियाली थी। आश्रम का खुद का योगा सेंटर, मसाज़ पार्लर, ब्यूटी पार्लर, टीवी हाॅल, खेलकूद केंद्र, जिम, सलून, पावर हाउस आदि थे और सब के सब थे.. "हाइटैक" ।

इसी शहर के एक घर में पति-पत्नी में बातें हो रही थीं कि इस आश्रम में माँ बहुत खुश रहेंगी। सब हम उम्र लोग होंगे, भजन-कीर्तन, योगा, सैर-सपाटा आदि में उनका मन लगा रहेगा और नैसर्गिक वातावरण में हमेशा ताजी व खुली हवा में उनका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।

इन पति-पत्नी का पाँच वर्षीय पुत्र पिछले कुछ दिनों से उपर्युक्त सभी बातें सुनता आ रहा था। उसकी बालक बुद्धि कम से कम इतना तो समझ ही चुकी थी कि दादी अब मुझसे दूर, किसी आश्रम में भेज दी जाने वाली हैं। वह सोचता रहा कि क्या करे, जिससे दादी उसके पास रहें।

एक दिन अचानक वह अपने पिता से बोला--"पापा मैं दादी से शादी करूँगा।"

बच्चे की बात सुन पति-पत्नी हँस पड़े और कहने लगे बेटा ऐसा नहीं हो सकता।

बेटा बोला--"हो सकता है पापा, जब मेरी शादी दादी के साथ हो जाएगी, तो उन्हें घर छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा। वे यहीं मेरे साथ रह सकेंगी, जैसे मम्मी आपके साथ रहती हैं। "

बेटे की बात सुनकर उन्हें ऐसा लगा, मानो किसी ने उन्हें आइना दिखाकर, आसमान से जमीन पर पटक दिया हो। दोनों एक-दूसरे को ताकने लगे। बेटे को सीने से लगाकर उससे माफी माँगी और उसे बेतहाशा प्यार कर कह उठे..."बेटा अब दादी कहीं नहीं जाएँगी। वो हमारी माँ है, हम सब अब उनके साथ ही रहेंगे।"


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy