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Vandana creations

Abstract

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Vandana creations

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आधुनिकता

आधुनिकता

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बहुत धूमधाम से विवाह हुआ था। कितनी खुशी सभी रिश्तेदारों ने मिलकर चार चांद लगा दिया था।

आज रावी की सालगिरह थी नौवीं सालगिरह। अकेली 

सूनसान। उसे लगा था सबकुछ है उसके पास लेकिन आज कुछ नही।

कितना मना किया था पापा ने मत लो रावी तलाक सब ठीक हो जाएगा मगर रावी को तो जैसे घमंड हो गया था।

शादी के एक साल बाद रावी का वेतन बहुत बढ़ गया था। बढ़ा तो उसके पति का भी था परंतु रावी से एक तिहाई था उसका वेतन पद भी रावी का ज्यादा बड़ा था। उसे अपनी सहेलियों के सामने धर्म आने लगी थी।पति अवनीश बहुत खुशमिजाज था बात आई गई हो जाती थी।एक दिन रावी ने अपना फैसला सुना दिया।

फिर तो तलाक हो ही गया बस इतनी सी बात।

रावी आज बहुत पछता रही है सुबह मीटिंग थी जापान से टीम आई थी जैसे ही रावी अंदर गई सामने देखा उसका भूतपूर्व पति अपने टीम का मैनेजर था और अब उसका वेतन रावी से दुगुना हो गया था। रावी ने अभिवादन के बाद हालचाल पूछा पता चला उसके पति की दो वर्षीय पुत्री है और वो अपने परिवार में बहुत खुश है। रावी में आधुनिकता के साथ समझदारी भी होती। रावी सोच रही थी।


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