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Prince Singhal

Inspirational Children

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Prince Singhal

Inspirational Children

5 रुपए का झूठ

5 रुपए का झूठ

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जून के महीने में गर्मी अपने तेवर दिखा रही थी । ऐसे में दो लड़कियां घर से निकली और रिक्शा की तलाश करने लगी , लेकिन कोई रिक्शा दोपहर की तपती धूप में नहीं मिला तभी उनकी नजर पेड़ के नीचे रिक्शा पर ही सो रहे एक बुजुर्ग व्यक्ति पर पड़ी, तो उन्होंने उसे उठाकर कॉलेज चलने के लिए कहा। रिक्शावाला हड़बड़ा कर उठा और उसे अपनी गरीबी का बोझ इस तपती धूप की गर्मी से कहीं ज्यादा लगा और वह चलने को तैयार हो गया। जब लड़कियों ने इसके लिए पैसे पूछे तो रिक्शावाले ने 25 रुपए मांगे, लेकिन लड़कियों उसे 20 रुपए में ही ले जाना चाहती थी और कहने लगी हमारे पास तो 20 रुपए ही खुले हैं या फिर 500 रुपए का नोट है। गरीब रिक्शावाला लाचार हो गया और 20 रुपए में ही लड़कियों को ले जाने के लिए बोलने लगा। दोनों लड़कियां रिक्शा में सवार होकर कॉलेज पहुंच गई और उनमें से एक ने अपना पर्स खोलकर रिक्शावाले को 20 रुपए दे दिए और कॉलेज के अंदर जाने लगी, तभी पीछे से एक आवाज आई बीबीरानी यह लो आपके 5 रुपए रिक्शा की सीट पर ही गिर गए थे। लड़कियों ने तुरंत पीछे मुड़कर देखा तो पसीने से लथपथ हांफता हुआ वही रिक्शावाला हाथ में 5 रुपए ललिए खड़ा था। लड़कियों उसे देखकर नजरें न मिला सकी और उन्हें हाथ आगे बढ़ाकर अपने ही बचाए हुए 5 रुपए लेने में भी शर्म आ रही थी। शायद उनका झूठ पकड़ा गया था।




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