ज़िंदादिली
ज़िंदादिली
बातें हैं, बातों में सच्चाई और अफवाहें बहुत सारी होंगी
दाँव चला है हवाओं ने, अब चिरागों की बारी होगी
झेल लेंगे राहों के काटों, रोड़े पत्थर चट्टानों को
हौसला लेकर चलेंगे, तूफानों से लड़ने की तैयारी होगी
मंज़िल तक पहुँचना ही सिर्फ मंज़िल नहीं हमारी
रास्तों को सजाते चलने की, कोशिश हमारी होगी
देखेंगे वो रंग भी, जो दुनिया हमे अब दिखाएगी
देखेंगे मेरी तकलीफों के वक़्त कैसी रंगत तुम्हारी होगी
ज़िन्दगी हैं ज़िन्दगी को ज़िंदादिली से जियेंगे
ख़ुशियों को भी अपनाएंगे, ग़मो से भी यारी होगी