यूँ मिले
यूँ मिले
कश्तियों की आरजू है साहिल उससे मिले
भटके हुए राही को मज़िल जैसे मिले
हमें दिल से दूर कर दो जीतना भी आप
आँख की ख़्याश है बस झलक से मिले
झलक जाम को महकाना यू मिले
जैसे शमा को परवाना मिले
सुकून दिल का समझोगे तुम नहीं
दर्द में करार तुमको सबब मिले।