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AVINASH KUMAR

Romance

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AVINASH KUMAR

Romance

"यूँ भी आओ..

"यूँ भी आओ..

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कभी यूँ भी आओ

कि मुझे पूरा कर दो,

अपनी बाहों में लेकर

आँखों में सपने हज़ार भर दो,


मैं तन्हा हूँ बहुत

अँधेरे ज़िन्दगी के सफ़र में,

ज़रा ख्वाहिश को समझो तुम

और मुझे कुछ ख़ास कर दो,


स्याह रातों के रखवाले

मुझे अक्सर डराते हैं,

मैं तेरी राह तकता हूँ

कि आकर उजाले फैला दो,


लौटा हूँ गुलज़ार करके

सेहरा के सूखे फूलों को,

हाथों को लेकर हाथों में

अब मुझे भी आबाद कर दो !


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