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S.Dayal Singh

Inspirational

3  

S.Dayal Singh

Inspirational

**युद्ध**

**युद्ध**

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 **युद्ध**

युद्ध आज नहीं  युद्ध कल नहीं, 

युद्ध किसी मसले का हल नहीं है।

जल,जमीं,आसमां को बाँट कर, 

सब देख लिया कांट-छांट कर।

लाख कोशिशें रही मगर,

निकला कोई इसका हल नहीं।

युद्ध है टकराव विचारों का,

अफवाहों का व्यवहारों का।

युद्ध अहंकार उपजाता है,

युद्ध लालच पथ चलाता है।

युद्ध तापमान राजनीति का,

नीति का और अनीति का।

युद्ध भाषा की विफलता है,

युद्ध जिह्वा की चपलता है।

युद्ध मानवता पर कहर है,

युद्ध नफरत भरा जहर है।

युद्ध हमलावर की चाल है,

युद्ध सामराज की ढाल है।

युद्ध का परिणाम बीमारियां,

अकाल,भूख, महामारियां।

युद्ध से हुआ युद्ध का अंत नहीं ,

युद्ध चाहता कोई जीव-जंत नहीं।

युद्ध है कोई मीठा फल नहीं।

युद्ध से निकला कोई हल नहीं। 

युद्ध आज नहीं,युद्ध कल नहीं, 

युद्ध किसी मसले का हल नहीं है।

--एस.दयाल सिंह --

 


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