यक़ी है उस रब पे वो राहे खोलेगा
यक़ी है उस रब पे वो राहे खोलेगा
यक़ी है उस रब पे वो राहे खोलेगा बन्द पड़े हैं
जो कब से दरवाज़े उन दरवाज़ों के ताले खोलेगा !
उम्मीद से जाना तुम उसके पास नाउम्मीदी लेकर मत जाना,
कर्म कर रहे हो तो कुछ शिकायत भी हो तो लेके
पूरे हक से जाना,वो देर से देगा मग़र अन्धेर
नहीं होने देगा,तुम्हारी कोशिशों को नाकाम नहीं होने देगा !
यक़ी है उस रब पे वो राहे खोलेगा बन्द पड़े हैं
जो कब से दरवाज़े उन दरवाज़ों के ताले खोलेगा !
तुम लड़खड़ा सकते हो मग़र भरोसा है
अगर उस रब पे तो तुम बाज़ी नहीं हार सकते हो,
दुनिया का क्या है वो तो हँसती ही रहेगी तुमपे
मग़र तुमको अपनी हस्ती बनाना है अगर तो,
अपने कर्मो पे जी जान भरनी होगी !
यक़ी है उस रब पे वो राहे खोलेगा बन्द पड़े हैं
जो कब से दरवाज़े उन दरवाज़ों के ताले खोलेगा !
विचलित मत होना राह में पड़े हुए काँटो से यही पे,
थोड़ा कष्ट है,इसे पार कर के तुम आगे बढ़ना
उम्मीद का दीया हमेशा जलाये रखना,
एक आग जो लगाई थी शुरुआत में उस आग को बस बुझने मत देना !
यक़ी है उस रब पे वो राहें खोलेगा बन्द पड़े हैं
जो कब से दरवाज़े उन दरवाज़ों के ताले खोलेगा !
कर्म के बाद वो फल ना दे तो तुम शिकायत कर सकते हो उससे,
मग़र बिना कर्म किये उससे शिकवा शिकायत भी मत करना !
यक़ी है उस रब पे वो राहें खोलेगा….......