ये उन दिनों की बात....
ये उन दिनों की बात....
बिखरते रिश्तों मे अपनी अक्स संभाल रखे थे
नये पुराने हर शख्स पे शक किया करते थे,
ये उन दिनों की बात है..
जब बारिश मे अपने आंसू छुपा लेते थे l
अनजान राहों मे हौसले को साथ रखते थे
जिंदगी को एक नयी पहचान दे रहे थे,
ये उन दिनों की बात है. ..
जब नयी सुबह की ख्वाब लिये रात काट लेते थे l
हमे इल्म भी ना हुआ और आदत बदल रहे थे
शाम के इंतज़ार मे दिन कट रहे थे,
ये उन दिनों की बात है....
जब बिना दस्तक दिए आप दिल मे उतर आये थे l