ये सबको अपने अंक लगाए रखती है
ये सबको अपने अंक लगाए रखती है
आहा कितनी अनोखी है धरती मां ;
इसके कण कण बसती हरियाली है !
इससे उपजे जो भी खाद्य सामग्री ;
वह सब जीवों को जीवन देनेवाली है !
वसुंधरा है बिलकुल माता की तरह ;
बड़े प्यार से सबको दिल से अपनाती है !
पर्यावरण की सदा रक्षा किया करो ;
समस्त पृथ्वी अब यही कहा करती है !
धूप, तिमिर बतास, बारिश और तूफान से ;
वसुधा अपने संतति को को सहेजकर रखती है!
ये हर एक जीव को अपने अंक से लगाए रखती है ;
तभी तो ये धरती भी सबकी माँ का दर्ज़ा पाती है ।