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Deepa Gupta

Inspirational

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Deepa Gupta

Inspirational

बेटियॉं

बेटियॉं

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हॅंसती हॅंसाती बेटियॉं,

कुछ गुनगुनाती बेटियॉं।

हो धूप या फिर ऑंधियॉं,

पग को बढ़ाती बेटियॉं।।


खेतों में पलती बेटियॉं,

कांटों को छलती बेटियॉं।

हो कठिन कितनी भी डगर,

पत्थर कुचलती बेटियॉं।।


स्नेह मन में पालती,

महके वो जैसे मालती।

उनसे धरा वो हैं धरा ,

इतिहास रचती बेटियॉं।।


है स्वर्ण ये बिल्कुल खरा,

उल्लास से जीवन भरा।

प्रत्येक कौरव मन डरा,

गिरकर संभलती बेटियॉं।।


माता पिता की आस हैं,

हर क्षण हृदय के पास हैं।

देवी का इनमें वास हैं,

दो घर सजाती बेटियॉं।।


हॅंसती हॅंसाती बेटियॉं,

ये मुस्कुराती बेटियॉं।।



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