बिटिया (बेटा)
बिटिया (बेटा)
सारे दुनिया बाले बताओ,
बेटी बोझा क्या लगती।
अपने दिल पे हाथ रखो फिर,
कहो बेटी कैसी लगती।।
सारे घर की रौनक है वो,
हर पल ही खुशियां देती।
माता का वो काम बटाए,
पिता बात पूरी सुनती।।
भाई का अभिमान है बहना,
रक्षा सदा भाई करती।
आपस में चाहे रहें झगड़ते,
भला सदा भाई करती।।
ब्याहन बाद बिदा जब होती,
पिता ह्रदय बिजली गिरती।
पत्थर अपने दिल पर रखकर,
माता शून्य बनी रहती।।
रहने को ससुराल गई है,
ह्रदय मायके में रखती।
दोनों घर का भला वो चाहे,
मंगल जाप सदा करती।।