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J P Raghuwanshi

Inspirational

4  

J P Raghuwanshi

Inspirational

'देवी गीत'

'देवी गीत'

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मण्डप में मैया जी आन बिराजी,

भगत करैं जयकार मोरे लाल।

अष्टभुजी है जे दुर्गा मैया,

करती हैं सिंहा सवार मोरे लाल।


माथे की बिंदिया,दम-दम दमके,

गले में पुष्पन हार मोरे लाल।

चण्ड-मुण्ड को मार संहारो,

भक्तन की प्रतिपाल मोरे लाल।


पान, सुपारी, ध्वजा नारियल,

आन चढ़ाऊं तेरे, द्वारा मेरे लाल।

ऐसी दया तुम करो महारानी,

मण्डप सजे हर साल मोरे लाल।


मण्डप में मैया जी आन विराजी,

भगत करैं जयकार मोरे लाल।



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