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V. Aaradhyaa

Inspirational

4.5  

V. Aaradhyaa

Inspirational

ये दुनिया एक धुरी पर चलती है

ये दुनिया एक धुरी पर चलती है

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प्रातः बाल अरुण की दीप्ति बड़ी अलौकिक,

जो समस्त विश्व को सदा प्रकाशित करती है !


दिनकर की किरणों का प्रसार है चहूँ ओर,

हर एक जीव में नित नई चेतना भरती है !


कृपा भानु की पाकर मेरा मन चितवन ,

मन हो प्रसन्न तो हरित समूची धरती है !


सप्त रंग की सात अनुपम दीप्त आभा ही ,

अपने अंतस की सारी घोर निराशा हरती है !


मन-मोहक है सूरज की प्रखर सुबह-सुहानी,

पावन स्वच्छ चंचल नदी कल-कल बहती है !


शीत शीतल मलय चलती अतिसय सर्दीली,

बड़े धीमे - धीमे, सर -सर सरकती रहती है !


उस अरुणेश की अनंत अनुकम्पा से ही,

यह दुनिया एक धुरी पर निरंतर चलती है !



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