STORYMIRROR

Mehak Ahlawat

Romance

4  

Mehak Ahlawat

Romance

ये बातें तुम्हे ही बताउंगी

ये बातें तुम्हे ही बताउंगी

1 min
405

ये लिख रही हूँ किसके लिए 

जब पता मुझे चलेगा 

तो तुम्हे भी बताउंगी 

जब कोई चिड़िया बैठकर मेरी खिड़की पर 

गुनगुनाएगी नाम तुम्हारा 

तुम्हे भी बताउंगी

कल सुबह सात बजे 

पड़ेगी जब मेरे चेहरे पर रौशनी 

और उड़द जाएगी वो चिड़िया 

अपने बच्चों के पास 

तुम्हे भी बताउंगी

अपने घोसले में बच्चों को 

वह कैसे देती है उन्हें कुछ खाने के लिए 

तुम्हे भी बताउंगी

कल जब बैठूंगी मैं उस बालकनी में 

अपने काम ख़तम करने के बाद 

और बाते करुँगी इन पत्तों के साथ 

तुम्हे भी बताउंगी

कल जब रोटी की भूख नहीं होगी 

और याद सिर्फ तुम्हारी आएगी 

पेट भर लूंगी अपना उन बातों से 

जो की हमने इन मुलाक़ातों में 

तो तुम्हे भी बताउंगी

जब दुबारा आएगी बारिश 

और मुझ पर बरसता पानी 

याद करेगा तुम्हे 

और मुझे भीगकर जब छींक आएगी 

तो तुम्हे भी बताउंगी

कोशिश कैसे करती हूँ हर बार 

तुम्हे न भुलाने की 

हर रात कैसे तुम्हे अपने हर सपने में 

जब याद करुँगी 

तो तुम्हे भी बताउंगी

जब कुछ दूर जब चल कर

मेरे हाथ 

तुम्हारे हाटों का इंतज़ार करेंगे 

और वह मोड़ आएगा 

तो तुम्हे भी बताउंगी 

कहने को इतना कुछ बाकी है 

लेकिन कुछ कह कर भी नहीं कह पाती 

और जब ये बात कहूँगी 

तो तुम्हे ही बताउंगी

जब मेरा अधूरापन 

बदलेगा तुम्हारी बाहों में 

और भीग जाएगी ये आँखें 

अपनी माँ से जब तुम्हारी बातें करुँगी 

तो तुम्हे भी बताउंगी

मेरे कांपते होटों पर आएगी जब तुम्हारी ऊँगली 

और खिल उठेगा मेरा ये चेहरा 

तो तुम्हे भी बताउंगी

बास तुम्हे ही बताउंगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance