यारा
यारा
उम्र के इस पडाव में वो दोस्त याद आते है।
पूरानी यादें ताजी कर हम दिल बहलाते है।।
वो मस्ती वो लडकपन, वो तोडनी सारी हदें।
आज फिर से किसी की घंटी बजा भाग आते है।
याद है मुझे आज भी एक कलम के लिए दसों ने जाना।
दुकानदार का हमें पहले देख खुश फिर उदास होना।
वो बर्थडे पार्टियों में करनी खूब मस्तीयां।
वो बिन रील के कैमरे से खींचनी सेल्फीयां।।
कोल्ड डि्क को डिप डिप कर मस्ती से पीना।
मंदिर में बैठ के पढना, छोटू का चाय लाना।
अंकल आप की गाडी की बत्ती आँन है कह गाडी भगाना।
लडकों की इकठ्ठे होकर बैंड भजाना,और उनका पसीना छूटना।।
कुछ नही भूला हमें याद है वो classes बंक करना।
मैडम के पूछने पर बहाने तैयार रखना।
पर मैडम को सब बता के खुश भी कर देना।
मैडम का हमे class का मोँनिटर बनाना।।
काश आज फिर जाने अंजाने सब मिल जाएं।
वो दोस्ती के पूराने जमानें फिर याद आएं।
वो मौज़ मस्ती, लड़कपन वो पागलपन।
यारा काश वो सब फिर हकीकत हो जाएं।।
