सलाम देश के नाम
सलाम देश के नाम
गुरूद्वारे में अजान मस्जिद में राम-राम करूंगी।।
मै अपने देश को कुछ इस तरह सलाम करूंगी।।
अनेकता में एकता, संस्कृति में विविधता।।
यही संदेश में सुबह -शाम सरेआम करूंगी।।
नफरतें,ईष्या,द्बैष ,कलह मिटाकर।।
प्यार के नाम मैं अपनी शाम करूंगी।।
दूंगी श्रृद्धाजंली कुछ इस तरह वीरों को।।
देश के नाम अपने रक्त का पैगाम करूंगी।।
शांति का संदेश मैं दूंगी अपने दुश्मनों को भी।।
नानक की बेटी हूँ ऐसे नेक काम करूंगी।।
जगदीश कहें भाई कन्हैया की तरह।।
गोबिंद की छवि सरेआम करूंगी।
