Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Naam Simran

Tragedy Inspirational

4  

Naam Simran

Tragedy Inspirational

तिरंगे की व्यथा

तिरंगे की व्यथा

1 min
397


तिरंगा मुझसे सिसक -सिसक रात भर व्यथा कहता रहा।

मैं भी उसे कुछ कहें, संजीदे से यूं ही सुनता रहा।।


बोला वो ऐसी आजादी के लिए हमने अपने पुत्र खोएं।।

भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव फांसी के हवाले किएं।।


गदर लहर जहां सोहन सिंह भखना प्रधान थे।।

करतार सिंह सराभा पार्टी की अहम पहचान थे।।


फांसी पर झूले गोली तन पर इन्होंने खाई है।

देश प्रेम की खातिर सीमा पर डटे फौजी भाई है।।


आज यह हमारे नाम पर ही लडते है।।

 हमको हमारे देश में बदनाम करते हैं।।


तरक्की हमें गरीबों के एवज में मंजूर नहीं।

हीरो को आंतकी बोलने वाले तुम्हें सरूर नहीं।।


देश में नग्न घुमाते पूजनीय देवियां।।

अपने ही घर में आज सुरक्षित नहीं बेटियां।।


धरती मां ढो रही लाशें तुम्हारी नफरतों की।

हिंदू, मुस्लिम, सिकख,ईसाई जंग झेले चाहतों की।।


न दहेज की आग न बुझी हवस की आग।।

उसमें झुलस के हो रहा देश मेरा खाक।।


रोज अस्मतें लूटती हैं अनखिली कलियों की।।

लालच, नफरतों के शिकार कहानी गलियों की।।


पढा-लिखा नौजवान नौकरी से परेशान।।

नशे की लत में बिके बजुर्गों के अरमान।।


न सोच में न कर्म में आज बसा भगवान।।

बस आज जुबां में रह गया उसका नाम।।


दिखावे की दूनियां दिखावे के लोग।।

चिंता की आग में लगे सभी को रोग।।


कैसे मैं कह दूं आजाद देश की वासी हूं।।

कमी था, सोने की चिडिय़ा वहां की निवासी हूं।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy