यादवेंद्र
यादवेंद्र
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आप हैं बृन्दावन राधिका हेतु बंसीधर वेणुमाधव,
आप हैं महाराणी रुक्मिणी के निकुंज नीलमाधव,
आप हैं सती सत्यभामा के प्रिय वरदाता वासुदेव,
आप हैं उपासिका मीरा के लिए मनमोहन माधव।
गोपिकाओं को प्रीतिकर है आपके मुरली का मधुर रव,
आप स्वयं हैं अपरिमित प्रणय सागर के विशिष्ट विभव,
आपका नमनीय नामस्मरण सर्वदा दे अभिनव अनुभव,
हे यादवेंद्र ! जनमानस में आप सदैव हैं राजीव सजीव।