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anand kahar

Romance

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anand kahar

Romance

यादें

यादें

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वो एक शाम निराली थी।

इश्क़ से कोसों दूर हमारी ज़िंदगानी थी।

नज़रे मिलती थी कईयों से

पर प्यार की नही कोई कहानी थी।


पर वो शाम बड़ी निराली थी।

वो हवा सी आई पास मेरे

तब दिल मे एक आवाज़ हुई

एक पल में उनसे वो इश्क़ रूहानी हुई।


वो शाम बड़ी निराली थी।

सब कुछ भूल गया था मैं।

क्या कहूँ दिले हाल

जब उनकी नज़रों से दो बातें हुईं।।


वो शाम बड़ी निराली थी।



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