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dr. kamlesh mishra

Abstract

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dr. kamlesh mishra

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यादें

यादें

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बीते कल को याद न कर,

वो कल कभी न आयेगा।

जो छूट गया है तुझसे,

वो पल कभी न आयेगा।


महकीं -महकीं बचपन की यादें,

चहकीं - चहकीं खुशियाँ।

भोले-भाले चेेेहरे पर,

हँसती थी यह अंखियाँँ।


वो मां वो बहिनें वो भाई वो बिटियां,

पापा की वो मीठी - मीठी बतियांं ।

हँसते-हँसते कटती थीं,

जाने कैसी थीं वो रतियाँ।



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