यादें
यादें
कुदरत का है नियम,
चाहे कर ले कितने भी गम।
जो छोटा है,
उसे होना है बड़ा,
किसी पर भी परतंत्र न होकर,
अपने पैरों पर होना है खड़ा।
और ऐसा है यह कालचक्र,
जो रुकता नहीं है किसी के लिए,
अपनी हवाओं के झोके से,
बदल देते है मनुष्य को,
बड़ा बना देते है;
परंतु फिर कभी छोटे होने की अनुमति,
प्रदान करता नहीं।
परंतु एक चीज़ है,
जिसका बहुत बड़ा है दिल,
भले ही छोटा बना नहीं सकते;
लेकिन उस वक्त के बारे में,
स्मरण तो करा ही सकते हैं,
जी हाँ, यह तो है यादें !
ऐसी अच्छी यादें,
जो बुरे वक्त में हमें,
अच्छे लम्हे स्मरण करा,
हौसला देती हैं,
और कुछ बुरी यादें,
जो हमें सबक सिखा,
गलत कदम उठाने से बचाती हैं।
ऐसी यादें,
जो अपने भूतकाल में,
हम सब ने बनाई होगी,
अच्छी या बुरी,
जो हमें हमारे पूर्व में बिताए लम्हें,
स्मरण करवाती हैं।
परंतु इन्हें छोड़,
हमारे मस्तिष्क में,
चले हम उस हकीकत में,
जो कभी यादें बन,
रह जाएगी।