याद
याद
तू याद ना आये तो दिल पछताया है
तुझे याद करें तो दिल ने रुलाया है
किसी हाल मे छोड़ गयी तुम मुझे
आके देख तेरे प्यार ने कैसे तड़पाया है
कैसे कहे, जिसको याद करते है उसी ने भुलाया है
कैसे मान ले, जिसकी मुस्कान पर कुर्बान कर दिया यह जहान, उसी ने रुलाया है
चाहत क्या होती है, यह उसने सिखाया
वफ़ा क्या होती है उसने सिखाया
अब उसे कैसे भूल जाऊँ यारों
उसे भुलाना तो उसने कहां सिखाया
जब भी सोचते है तेरे बारे मे
तो याद आते है वह सुनहरे लम्हे
यह याद पहले चेहरे पर मुस्कान लाती है
फिर लाती है आंसू ओ की धाराहे
भूल नहीं पा रहा हूं तेरी यादों को
भूल नहीं पा रहा हूं तेरी बातों को
वह जगह आज भी सही सलामत है
जहां हम मिला करते थे
बस भूल नहीं पा रहा हूं उन मुलाक़ातों को
इस दिल से पूछो कोई हम उसे कितना याद करते है
खुदा मानकर उसी को, उससे मिलने की फरियाद करते है
नींद भी खफा हो जाती है
जब भी उसकी याद आती है
जिंदगी बेरुखी से लगने लगी है
अब पता नहीं ये मौत भी क्यों नहीं आती है
आज भी याद है वह पहली बारिश
जिस मे भीगे थे तेरे संग रे
आज भी याद है वह बहार का मौसम
जब बहार ने फूल बरसाए थे तेरे लिए रे
वक्त नहीं मिला हमें उनको भुला ने का
खाब में भी जब भी वह आती है
वक्त नहीं मिला नींद से जागने का

