तेरा शायर
तेरा शायर
कभी सोचा ना था किसी से इतनी मोहब्बत हो जाएगी
अनजाने में उसकी इतनी आदत हो जाएगी
पता चल जाता अगर दिल टूटने वाला है
तो कमबख्त दिल को भी टूटने की आदत हो जायेगी
कोई तो चाहिए जो मेरी सुने दास्तां
की कैसे कोई वफ़ा की मिसाल बन गया
लोग देते है आज मेरे नाम की दुहाई
की कैसे कोई प्यार में शायर बन गया
मुस्कराहट के पीछे आंसू को कोई नहीं देख पाया
मेरी ज़िन्दगी की तेरे लिए क़ुरबानी को कोई देख नहीं पाया
अब तो मुझे हंसी आने लगी है इस दुनिया पर
प्यार में हारने के बाद, कोई मुझसे सबक नहीं सिख पाया
पहली बार शायर ने किसी हसीन का नाम लिखा है
अपने दिल का हाल बयान लिखा है
मशहूर बना दिया तेरे दिए गम ने हमें इस दुनिया में
कलम की स्याही से नहीं खून से पैगाम लिखा है

