याचना।
याचना।
प्रियतम हमें भूल मत जाना,
नयनों में आँसू बिखरा कर
सीखा याद निभाना।।
जाग उठी है प्रीत पुरानी,
बीत गई जो दूर कहानी
हमें ना उसे सुनाना।।
तुम बिन सूनी नगरी सारी।
छाई दुख की बदरी कारी।।
प्रेम भीख के बने भिखारी
अब ना हमें ठुकराना।।
बुझ ना जाए कहीं भेंट बाती।
आशाओं की चिता सजाती।।
पल छिन तेरी याद सताती,
दिल से दिल मिलाना।।
