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bela puniwala

Romance

4  

bela puniwala

Romance

waqt

waqt

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यही मेरा प्यार,           

तेरे इंतज़ार में दिन बदले, महीने बदले,  

ना बदला तो सिर्फ़ मेरा इंतज़ार,

मैंने तुम्हे कितनी बार समझाया, कि 

मुझे तेरे अलावा कुछ नहीं चाहिए,

मेरे पास चले आओ, 


मुझे तुम्हारे प्यार की ज़रूरत है, मगर 

तुम्हें अपने काम से फुरसत मिले तो ना !

तुम्हारे पास मेरे लिए वक़्त ही कहाँ था ?

आज जब तुम आए  हो मेरे पास,

तो फ़र्क सिर्फ़ इतना है कि,

अब वक़्त मेरे पास नहीं,

 आज मेरी सांँसे मुझे,


मुझ से ही छोड़ने की, 

इजाज़त माँग रही है,

तेरी बाँहों में सिर रख कर अगर आज,

मौत भी आ जाए तो कोई गम नहीं,

समझ लूँगी कि,

मेरा इंतज़ार अब ख़त्म हुआ,

तेरी यादों के सहारे जैसे हमने हँसते हुए,


 अपनी ज़िंदगी गुज़ारी थी, 

उसी तरह हँसते हुए आज,

मौत को भी गले लगा लेंगे

बस यही मेरा प्यार। 


   तो दोस्तों, आप जिसे खुश रखने के लिए दिन रात एक कर देते है, उन से एक बार ज़रूर पूछना कि वह क्या चाहता है ? क्यूंँकि अगर वह जो चाहता है, वही अगर हम उसे नहीं दे सके तो आपकी सारी मेहनत नाकाम हो जाएगी, वह है, 

 " आपका अपना वक़्त "

    हांँ दोस्तों, आज कल ज़िंदगी में आपके वक़्त से ज़्यादा imporatant कुछ भी नहीं। तो जिससे आपको प्यार है, उसे आप अपना वक़्त ज़रूर देना, कहीं कल ऐसा ना हो की उसके पास आपको देने के लिए वक़्त ही ना हो !


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