वट सावित्री व्रत
वट सावित्री व्रत
यूं तो जीवन में व्रत- त्योहार आते अनेक हैं
एक ऐसा भी त्योहार जिसमें झलके पति- प्यार ।
ज्येष्ट -माह की कृष्ण अमावस्या को हर सुहागन
रखती ये व्रत , करती हर कोई सोलह सिंगार ।
चुड़ी - बिंदी , मेंहदी , महावर और मांग - टीका
सज-धज कर यम से मांगे पति की उम्र और प्यार ।
बरगद की पूजा करके , सावित्री- सत्यवान को पूजे
3,5,से लेकर 108 परिक्रमा , जोड़े हाथ बार-बार ।
रोली, मौली, धूप-दीप, जल, सिंदूर, चना , नारियल
बांस पंखी , कच्चा सूत,लाल कपड़ा, फूल ,फल चाल ।
गुलगुले , खीर, पूरी ,हलवा बना कर पूजे बरगद जो
सदा सुहागन रहे वो नारी ,पाए वर्ष हज़ार पति का प्यार।
