Navya Agarwal
Inspirational
सच्ची मोहब्बत तो हर उस जवान ने की है
वतन पे कुर्बान अपनी जान जिसने की है।।
महिषासुरमर्दि...
मां की चुनरिय...
लेके आंखों मे...
दीदी तेरा देव...
मेरा सपना मेर...
अनकही बातें
तू सुन रही है...
हिन्द की पहचा...
धरती मां भी न...
मालिनी एक संघ...
स्वतंत्र भारत था जिनका सपना कटा दिया शीश उन वीरों ने अपना स्वतंत्र भारत था जिनका सपना कटा दिया शीश उन वीरों ने अपना
भ्रष्टाचार हटाना है तो दृढ़ संकल्प अपनाना होगा l भ्रष्टाचार हटाना है तो दृढ़ संकल्प अपनाना होगा l
दिल की दुनिया से ऊपर, जज़्बातों के मौन रिश्ते निभाये तो बात बने. दिल की दुनिया से ऊपर, जज़्बातों के मौन रिश्ते निभाये तो बात बने.
तिरंगा शान से लहराता दुश्मन थर थर थर थर्राता। तिरंगा शान से लहराता दुश्मन थर थर थर थर्राता।
जीवन में जीवन के उत्कर्ष तक जाना है। जीवन में जीवन के उत्कर्ष तक जाना है।
सकून के पल अब बिल्कुल भाते नहीं हैं। सकून के पल अब बिल्कुल भाते नहीं हैं।
बारह बरस का आया बालक , कर दिया ऐसा कमाल। बारह बरस का आया बालक , कर दिया ऐसा कमाल।
बहन का भाई के लिए प्यार है राखी भाई की कलाई की श्रृंगार है राखी। बहन का भाई के लिए प्यार है राखी भाई की कलाई की श्रृंगार है राखी।
नहीं रह पाते ख्वाब सच होने की राह पर सिलसिला ख्वाबों का बस यूँ ही चलता रहा नहीं रह पाते ख्वाब सच होने की राह पर सिलसिला ख्वाबों का बस यूँ ही चलता रहा
अपना शीश नवाँ देना उन अगणित वीर जवानों को अपना शीश नवाँ देना उन अगणित वीर जवानों को
ऊँची भरो उड़ान शौर्य का गाओ गान प्रेम गीत गाते चलो बढ़े चलो--- ऊँची भरो उड़ान शौर्य का गाओ गान प्रेम गीत गाते चलो बढ़े चलो---
गाँधीयुग से आज तक, खादी पहने ताज राजनीति के खेल में, खादी करती राज। गाँधीयुग से आज तक, खादी पहने ताज राजनीति के खेल में, खादी करती राज।
हुनर नहीं अगर कलाबाजियों का तो पंख भी बेकार होता है। हुनर नहीं अगर कलाबाजियों का तो पंख भी बेकार होता है।
चंचल से मन की शोर में मुरली बजाता कृष्ण है.. चंचल से मन की शोर में मुरली बजाता कृष्ण है..
दिल में उनके जोश था, और माथे पर आता पसीना। दिल में उनके जोश था, और माथे पर आता पसीना।
चलो इस राखी को कुछ अलग तरह से मनाये, बहन ही भाई को राखी क्यों बांधे। चलो इस राखी को कुछ अलग तरह से मनाये, बहन ही भाई को राखी क्यों बांधे।
मन के जज्बात उकेर देती है शब्द जाल में… मन के जज्बात उकेर देती है शब्द जाल में…
जब मिलता था पापा का प्यार सरे राह मेरे होंठों को हंसी मिलती थी हर क्षण वहाँ जब मिलता था पापा का प्यार सरे राह मेरे होंठों को हंसी मिलती थी हर क्षण वहाँ
है स्वप्न में तू, लोचन में तू तू ही है अंतरतम मेरे. है स्वप्न में तू, लोचन में तू तू ही है अंतरतम मेरे.
उनकी भूमिका बड़ी नायाब युवाओं को सिखा गए वो देशभक्ति का अनूठा पाठ उनकी भूमिका बड़ी नायाब युवाओं को सिखा गए वो देशभक्ति का अनूठा पाठ