वसुधा
वसुधा
वसुधा
अब तुम वैसी नज़र नहीं आती
जब दादी-नानी
तुम्हें माथे लगाया करती थीं
पुष्पित, पल्लवित, सुरभित, हर्षित, हरित
जब दादी-नानी
तुम्हें माथे लगाया करतीं थीं
सूना माथा, सूना गला
सूनी मांग, सूनी कलाई
ऐसी तो नहीं थी तुम
जब दादी-नानी
तुम्हें माथे लगाया करती थीं।