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सविता प्रथमेश

Abstract

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सविता प्रथमेश

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वसुधा

वसुधा

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वसुधा

अब तुम वैसी नज़र नहीं आती

जब दादी-नानी 

तुम्हें माथे लगाया करती थीं


पुष्पित, पल्लवित, सुरभित, हर्षित, हरित

जब दादी-नानी   

तुम्हें माथे लगाया करतीं थीं

सूना माथा, सूना गला


सूनी मांग, सूनी कलाई

ऐसी तो नहीं थी तुम

जब दादी-नानी 

तुम्हें माथे लगाया करती थीं।


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