वृक्ष
वृक्ष
वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ
हे मनुज, धरा को वृक्षों से सजाओ।
आज जो रोपोगे नन्ही सी पौध,
तो हरियाली का उपहार कल पाओगे।
उखड़ रही है जो मेरी साँस,
पौधों से ही मुझे जीवन नया दे पाओगे।
फिर से उढ़ा कर हरियाली की चादर,
बंधु ! हरी -भरी वसुंधरा मुझे बनाओगे।
हे मनुज! वृक्षों से करके प्रदूषण मुक्त,
क्या इस धरती माँ को बचाओगे ?
वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ,
धरा को वृक्षों से सजाओ।
