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सतीश मापतपुरी

Inspirational

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सतीश मापतपुरी

Inspirational

वृक्ष की अपील

वृक्ष की अपील

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हमसे  गुल  गुलजार ,तुम्हारे अपने हैं।

मत   काटो सरकार , तुम्हारे अपने हैं।


जब  गर्मी में  बहे पसीना,पत्ते चँवर डोलाते हैं ।

धूप का रूप सहा ना जाए,अपनी छाँव बिठाते हैं ।

फिर भी सहें प्रहार , तुम्हारे अपने हैं ।

 मत काटो सरकार , तुम्हारे अपने हैं ।


मीठे-मीठे फल खाते हो,फूल से भवन सजाते हो ।

शीतलहर में सूखी लकड़ी, से तन को गरमाते हो।

लेते  हो उपहार ,  तुम्हारे अपने हैं ।

मत काटो सरकार, तुम्हारे अपने हैं।


मेरे कारण घटा सलोनी,नील गगन पर छाती है ।

धरती की गोदी में बरखा, झूम के कजरी गाती है ।

मानों कुछ उपकार , तुम्हारे अपने हैं ।

मत काटो सरकार ,   तुम्हारे अपने हैं।


हम पेड़ों को मिटा के सोचो,तुम कैसे  बच पाओगे ।

कुदरत की जब तनेगी भृकुटी ,खुद को कहाँ छुपाओगे ।

हमसे ही संसार , तुम्हारे अपने हैं ।

मत काटो सरकार,तुम्हारे अपने हैं।


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