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Raja Sekhar CH V

Abstract

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Raja Sekhar CH V

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वक़्त का चक्का

वक़्त का चक्का

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आज का वक़्त यूँ पार हो जाएगा,

कल का वक्त भी पार हो जाएगा,

हर दिन महीना साल बीत जाएगा,

कोई भी पल कभी रुक न पाएगा।


वक़्त एक नया तजुर्बा देता जाएगा,

बहुत से लम्हों को यादगार बनाएगा,

खुशी और ग़म के पल देता जाएगा,

वक़्त का चक्का तो चलता ही रहेगा।


अपने ढाढस को बाँधकर रखना ही पड़ेगा,

हर मुश्किल को बहादुरी से झेलना पड़ेगा,

किसी भी हालात को क़ुबूल करना पडेगा,

और ज़िन्दग़ी के हर पल को जीना पड़ेगा।


वक़्त अपने रफ़्तार से आगे जाता ही जाएगा,

अपने क़दम पीछे की तरफ़ कभी न रखेगा,

इतिहास के हर पन्ने का गवाह बनता जाएगा,

हर वक़्त परवर्दिगार पर यक़ीन रखना पड़ेगा।


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