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PRADYUMNA AROTHIYA

Inspirational Others

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PRADYUMNA AROTHIYA

Inspirational Others

वक़्त एक शिक्षक

वक़्त एक शिक्षक

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अनजान हमारी जिंदगी

अनजाने रास्ते,

किस ओर रखें कदम 

हम नहीं जानते ?

कोई नहीं था अपना

जो जीने का पाठ पढ़ाता,

जिंदगी का अहसास 

कौन कराता ?


मुश्किलों से भरा था दौर

खाने को वक़्त बे वक़्त

तड़पता था मन,

एक रोटी जो जीवन थी

उसी रोटी के लिये 

काम की तलाश में भटकता था मन।


फिर वक़्त ने ही जिंदगी का पाठ पढ़ाया

अपने बदलते रंग से 

गम और खुशी का अहसास कराया,

जो बदल न सका वर्षों से 

उसे बदल वक़्त ने ही 

जिंदगी को जिंदगी का अहसास कराया।


वक़्त ने ही एक शिक्षक के रूप में

जिन्दगी को जीने का हुनर सिखाया,

कैसे रखें कदम

वक़्त ने हमको दुनिया के समक्ष

इस काबिल दिखाया।



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