वो तेरा एहसास
वो तेरा एहसास
एहसास जब तुम्हारा छू गया मेरे मन को,
हवा का झोंका आया तो,लगा जैसे तुम हो..
पुकार कर देखो कभी तुम मुझे तन्हाई में,
उतर कर देखो कभी इस दिल की गहराई में..
मुद्दत से इस दिल को तुम्हारे लिए ही थामा है,
यादों में इस कदर आकर तुम इसे चिंगारी ना दो..
मालूम तो हमे भी है,तुम्हें हमारे हो नही सकते,
जो कभी छूट ना पाए हमे ऐसी यारी ना दो..
तुम दूर सही तुम्हारे होने का एहसास ही काफी है मेरे लिए,
यादों के सहारे मैंने लोगों को ज़िन्दगी गुज़ारते देखा है..
तुम उसके हो गए ,जिसके नसीब में थे,
ना थी मेरे हाथ में मेरे तेरे नाम की रेखाएं..
एहसास जब तुम्हारा छू गया मेरे मन को,
हवा का झोंका आया तो लगा जैसे तुम हो..।