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अजय एहसास

Tragedy

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अजय एहसास

Tragedy

वो सरकारी गुण्डे है

वो सरकारी गुण्डे है

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जो कुछ करें सब ठीक, वो सरकारी गुण्डे हैं

जनता रही है चीख वो सरकारी गुण्डे हैं।


रिश्तों को भाई दोस्त को दौलत से तौलते,

पहचानते न बाप वो सरकारी गुण्डे हैं।


थाने में पहुँचते हैं जब लिखाने रपट हम,

रिश्वत जरुर लेंगे वो सरकारी गुण्डे हैं।


सड़कों पे रोक गाड़ियां वो छीनतें पैसा,

उनकी भरी है जेब वो सरकारी गुण्डे हैं।


कानून को जेबों में रखके घूमते रहे,

अच्छा करें उपयोग वो सरकारी गुण्डे हैं।


वो चीखते, चिल्लाते, देते धमकियां 'एहसास',

सच्चाई छुपा लेते वो सरकारी गुण्डे हैं।


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