वो बारिश
वो बारिश
हल्की -हल्की सी बारिश में,
भीनी-भीनी वो माटी की खुशबू ने।
अक्स बनाया था तुम्हारा,
वो सादगी ने तुम्हारी,
हाय चैन लूटा था मेरा।
न जाने क्या कशिश थी उन आँखों में,
न चाहते हुए भी हम डूबे थे जिसमें।
प्यार की वो पहली निशानी,
जिसका रंग भी गुलाबी था।
आज भी रखा है अपनी डायरी में संभाल कर,
भले ही वो गुलाब सूख गया है।
मगर आज भी महकता है तुम्हारी खुशबू से।