सच यां भ्रम
सच यां भ्रम
नहीं पता सच है यां मेरा भ्रम,
पर एक परछाई महसूस की है,
मैने अपने आस-पास।
चलता हर पल वो मेरे साथ है,
मेरे हँसने पर हँसता और रोने पर रोता है,
नहीं पता सच है यां मेरा भ्रम,
पर एक परछाई महसूस की है,
मैने अपने आस-पास।
लगता यूं है कि मुझसे कुछ कहने को बेकरार है,
पर मेरे पास जाते ही लापता होते हुए देखा है उसे।
नहीं पता सच है यां मेरा भ्रम,
पर एअ परछाई महसूस की है,
मैने अपने आस-पास।
हर रोज़ मेरे सपनों में आता है वो,
मिलने की तड़प इतनी है उनसे,
कि आज कल दिन में भी नींद का इंतजा़र रहता है।
नहीं पता सच है यां मेरा भ्रम,
पर एक परछाई महसूस की है,
मैने अपने आस-पास।
मिल जाए बस वो एक बार,
यारों इतनी दुआ की आस है,
नहीं पता सच है यां मेरा भ्रम,
पर एक परछाई महसूस की है,
मैने अपने आस-पास।